पहलगाम आतंकी हमले में NIA का बड़ा एक्शन; आतंकियों को शरण देने वाले लोगों को दबोचा, 26 पर्यटकों की वीभत्स हत्या की गई थी

NIA Arrested 2 People Who Gave Shelter To Pahalgam Attack Terrorists
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकी मारे गए हैं या उनका क्या हुआ? ये सवाल आज भी बना हुआ है। लेकिन अब एनआईए इन आतंकियों को शरण देने वालों के करीब पहुंच गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम हमले के आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
NIA ने बताया कि, पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
पहलगाम में भीषण नरसंहार हुआ था
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला एक भयानक नरसंहार था। आतंकियों ने बेहद क्रूर और वीभत्स तरीके से नरसंहार का खूनी खेल खेला। जिसमें 26 निर्दोष-निहत्थे लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर जान ले ली गई। मासूम बच्चों और महिलाओं की चीख-पुकार से भी आतंकियों को रहम नहीं आया। वह हंसते-खेलते और खुशियां मना रहे लोगों पर गोलियां बरसाते रहे। देश के अलग-अलग हिस्सों से कोई अपने परिवार को लेकर कश्मीर घूमने पहुंचा था तो कोई नई-नई शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए कश्मीर आया था।
लेकिन आतंकियों ने एक पल में सब उजाड़ दिया। आतंकियों ने लोगों को उनकी पत्नी के सामने ही मौत के घाट उतारा। लोग डर और दहशत में इधर-उधर भाग रहे थे और आतंकी मौत का खेल खेलने में लगे थे। पहलगाम से जो दर्दनाक तस्वीरें सामने आईं। उन तस्वीरों ने झकझोर कर रख दिया। पहलगाम आतंकी हमले से देशभर में भयंकर आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। एक सुर में हर जगह से आतंकवाद को तबाह कर देने और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठ रही थी।
भारत ने चलाया ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने जब सैन्य हमला किया तो इसके जवाब में जो टकराव हुआ उसमें भारत के हमले में पाकिस्तान के कई एयरबेस और सैन्य ठिकाने तबाह हो गए। साथ ही करीब 40 सैनिक-अफसर मारे गए। आखिर में पाकिस्तान को भारत के सामने शिकस्त झेलनी पड़ी और बातचीत कर सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया।